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मुझे बस इक काम आता है, ये लफ़्ज़ों को बनाने का! कभी कम बनाता हूँ कभी बहुत सारे बनाता हूँ। कभी मीठे बनाता हूँ, कभी खारे बनाता हूँ! कभी चांद तो ...